रविवार, 14 मई 2023

आओ बच्चों तुम्हें दिखायें झांकी हिंदुस्तान की।

आओ बच्चों तुम्हें दिखाये झांकी हिंदुस्तान की

इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की

उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है

दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है

यमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है

बाढ़ बाट पे हाट में, यहां निराला ठाठ है

देखो ये तस्वीरे अपने गौरव के अभिमान की

इस मिट्टी से तिलक करो ये.....

ये है अपना राजपूताना नाज इसे तलवारों पे

इसने अपना जीवन काटा बारक्षी तीर कटारों पे

यहां प्रताप का वतन पला है आजादी के नारों पे

कूद पड़ी थी जहां हजारों पद्मीनिया अंगारों पे

बोल रही थी कण कण से कुर्बानी राजस्थान की

इस मिट्टी से तिलक करो ये.....

देखो मुल्क मराठों का ये यहां शिवाजी डोला था

मुगलों की ताकत को इसने तलवारों पे तोला था

हर पत्थर पे आग जली हर पत्थर एक शोला था

बोली हर हर महादेव की बच्चा बच्चा बोला था

यही शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की

इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती हैं....

जलियां वाला बाग ये देखो यहां चली थी गोलियां

ये मत पूछो किसने खेली यहां खून की होलियां

एक तरफ बंदूके दन दन एक तरफ थी टोलियां

मरने वाले बोल रहे थे इंकलाब की बोलियां

यहां लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की

इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती...

ये देखो बंगाल का हर चम्पा हरियाली है

यहां का बच्चा बच्चा अपने देश मरने वाला हैं

मुट्ठी में तूफान बसा हैं और हर प्राण में ज्वाला है

जन्मभूमि है यही हमारी वीर सुभाष महान की

इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की

वंदे मातरम्, वंदे मातरम्।।




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