है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वही के गाता हूं
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं
काले गोरे का भेद नहीं हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और ना आता हो हमको पर प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मैं बात ... मैं बात वही दोहराता हूं,
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं
है प्रीत जहां की रीत सदा....
जीते हो किसी ने देश तो क्या हमने तो दिलों को जीता है
जहां राम अभी तक है नर में नारी में अभी तक सीता हैं
इतने पावन हैं लोग जहां मैं नित नित
मैं नित नित शीश झुकता हूं
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं
हैं प्रीत जहां की रीत सदा...
इतनी ममता नदियों को भी जहां माता कह के बुलाते हैं
इतना आदर इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जातें हैं
उस धरती पे मैंने जन्म लिया ये सोच
ये सोच के मैं इतराता हूं,
भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं...
है प्रीत जहां की रीत सदा.....
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